Prernarthak Kriya Kise Kahate Hain (प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते हैं?)
प्रेरणार्थक क्रिया उन क्रिया को कहते हैं जिनमें कर्ता किसी दूसरे व्यक्ति को कोई कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। दूसरे शब्दों में, प्रेरणार्थक क्रिया में कर्ता स्वयं कार्य नहीं करता, बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
Prernarthak Kriya Ke Bhed (प्रेरणार्थक क्रिया के भेद)
Pratham Prernarthak Kriya (प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया)
इसमें कर्ता (subject) स्वयं कार्य नहीं करता, बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। प्रेरणा देने का मतलब है किसी को कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करना, उनमें इच्छा जगाना।
Pratham Prernarthak Kriya Ke Udaharan
- मोहन ने रानी को व्यायाम करने के लिए प्रेरित किया। (Mohan motivated Rani to exercise.)
- शिक्षिका ने बच्चों को हिंदी सीखने के लिए प्रेरित किया। (The teacher motivated the children to learn Hindi.)
Dwitiya Prernarthak Kriya (द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया)
इसमें कर्ता किसी दूसरे व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित तो करता है, लेकिन वह कार्य वास्तव में किसी और व्यक्ति द्वारा किया जाता है। दूसरे शब्दों में, कर्ता किसी काम को किसी और से करवाता है।
Dwitiya Prernarthak Kriya Ke Udaharan
- माँ ने नौकरानी से बर्तन धुलवाए। (Mother got the dishes washed by the maid.)
- राजा ने मजदूरों से महल बनवाया। (The king had the palace built by the laborers.)
Prernarthak Kriya Ke Udaharan (प्रेरणार्थक क्रिया के उदहारण)
मूल क्रिया | प्रथम प्रेरणार्थक क्रिया | द्वितीयक प्रेरणार्थक क्रिया |
---|---|---|
सिखाना | सिखाना | सिखवाना |
पढ़ाना | पढ़ाना | पढ़वाना |
लिखना | लिखाना | लिखवाना |
बोलना | बोलना | बुलवाना |
सुनना | सुनाना | सुनवाना |
देखना | दिखाना | दिखवाना |
खाना | खिलाना | खिलवाना |
पीना | पिलाना | पिलवाना |
सोना | सुलाना | सुलवाना |
चलना | चलाना | चलवाना |
दौड़ना | दौड़ाना | दौड़वाना |
उठना | उठाना | उठवाना |
बैठाना | बिठाना | बिठवाना |
ख़रीदना | ख़रीदना | ख़रीदवाना |
गिरना | गिराना | गिरावाना |
मारना | मारना | मरवाना |