जहां ना नफरतो का रंग हो आपसी प्रेम और दिल मे कुछ करने की उमंग हो।
में अपनी कल्पना में अपने देश की बहुत विकसीत और सक्षम देश के रूप में देखना चाहती है। भारत धर्म और संस्कृती के नाम से जाना जाता है। भारत में कई सारी संस्कृतियों का मूल गठन है। भारत में बहुत सारे जाती और धर्म के लोग भाईचारा के साथ रहते है। परंतु आज भी हमारा देश बहुत सारी चीजो मे पीछे है। टेक्नोलाजी मे बहुत आगे आ चुका है परंतु धर्म संस्कृति को भूल ही गए है। भारत मे रोजगार के मामले में बहुत पीछे है। महिलाओ को मान सम्मान नही मिलता अभी भी लड़कियाँ घर मे रहनी चाहिए यही पुरानी सोच है।
मेरे सपनो के भारत मे कोई भी तरह का भेदभाव नही होगा। महिलाएं हर क्षेत्र, मे आगे रहेंगे। लिंग के नाम पर कोई भेदभाव नहीं। बेरोजगारी भी नही रहेगी, देश इतना विकसीत हो जाएगा की सबको काम मिलेगा। मेरे सपनो के भारत में गरीब बच्चो को मुफ्त कि शिक्षा मिलेगी, सरकार से विनंती करके योजनाएं बनाई जाएगी। मैं मेरे सपनो के भारत में बस इतना चाहती हूँ कि वहाँ पहले से भी ज्यादा प्यार हो लड़कियों के लिए सम्मान, भारत के एक भी नागरीक बेरोजगार न रहे।
— Diksha Das
(Carmel, Navi Mumbai)