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Karak
कारक क्या होता है?
कारक(Karak) व्याकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका है जो शब्दों के बीच संबंध को स्थापित करने में मदद करती है। कारक संस्कृत शब्द ‘कृ’ से निकला है जिसका अर्थ होता है ‘करना’ या ‘कार्य’। इसे विधियों, क्रियाओं, या स्थितियों को संबोधित करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
कारक(Karak) शब्द का उपयोग किसी वाक्यांश में सब्जेक्ट, प्रदीप्ति, कर्म, करण, सापेक्ष, आपादान, शास्त्र, बेनिनिपात और कर्तृवाच्य के रूप में हो सकता है।
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उदाहरण के लिए, वाक्य “राम ने किताब पढ़ी” में, “राम” सब्जेक्ट है, “ने” करक को प्रदर्शित करता है और “किताब” को कर्म का दर्शाता है। इसमें “राम” ने “किताब” को पढ़ा है, जिससे कारक संबंध स्थापित होता है।
इस प्रकार, कारक(Karak) भाषा के व्याकरण में वाक्य रचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और विविधता और स्पष्टता को बनाए रखने में मदद करता है।
कारक के उदाहरण
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- सम्बन्ध कारक (सापेक्ष): रात्रि में तारे चमकते हैं।
- कर्म कारक: मैंने किताब पढ़ी।
- करण कारक: बच्चे ने हाथों से घर की छत बनाई।
- आपादान कारक: यह किताब मेरे बगीचे में है।
- शास्त्र कारक: उसने बाल काटवा लिए।
- सम्प्रदान कारक: मैंने तुम्हें एक तोहफा भेजा है।
- प्रदीप्ति कारक: बच्चों ने स्कूल में स्वतंत्रता दिवस मनाया।
- अपाधान कारक: मैंने तुम्हें बड़े प्यार से बुलाया है।
- बेनिनिपात कारक: उसकी चेहरे पर हंसी थी।
- कर्तृवाच्य कारक: राजा ने देश को समृद्धि दिलाई।
कारक चिन्ह स्मरण करने के लिए यह पद्य का उपयोग हो सकता है
करता ने, कर्म को, करण से - द्वारा, सम्प्रदान को - के लिए, अपादान से, सम्बन्ध का की के, ना नी ने, रा री रे, अधिकरण में - पर, सम्बोधन हे! अरे! ओह!
कारक के भेद
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कारक(Karak) व्याकरण में आठ प्रमुख प्रकार के कारक होते हैं, जो वाक्यांश की व्याकरणिक संरचना में भूमिका निभाते हैं।
- कर्ता कारक (Nominative Case): इसका उपयोग क्रिया करने वाले व्यक्ति या संज्ञा को दर्शाने में होता है। उदाहरण: “राम खेत में खेती करता है।”
- कर्म कारक (Instrument Case): इसका उपयोग क्रिया को करने में आवश्यक साधन को दर्शाने में होता है। उदाहरण: “मैंने हाथों से पत्तियाँ तोड़ीं।”
- कारण कारक (Ablative Case): इसका उपयोग क्रिया करने के लिए कारण को दर्शाने में होता है। उदाहरण: “बच्चे ने खुशी से बजाया।”
- संप्रदान कारक (Possessive Case): इसका उपयोग किसी व्यक्ति या संज्ञा के स्वामित्व को दर्शाने में होता है। उदाहरण: “यह मेरा कुत्ता है।”
- अपादान कारक (Objective Case): इसका उपयोग किसी क्रिया के प्रति अधिकार को दर्शाने में होता है। उदाहरण: “मैंने उसे देखा।”
- संबंध कारक (Dative Case): इसका उपयोग सहायक कारक के साथ किसी संबंध को दर्शाने में होता है। उदाहरण: “मैंने उसे बच्चे को बुलाया।”
- अधिकरण कारक (Locative Case): इसका उपयोग किसी क्रिया के होने के स्थान को दर्शाने में होता है। उदाहरण: “वह मंदिर में जा रहा है।”
- संबोधन कारक (Vocative Case): इसका उपयोग किसी से सीधे संवाद करने में होता है। उदाहरण: “ओ भगवान, हमें दीननाथ बचाओ!”
कारक | अर्थ | चिन्ह |
कर्ता कारक (Nominative Case) | क्रिया करने वाले व्यक्ति या संज्ञा को दर्शाने में | ने |
कर्म कारक (Instrument Case) | क्रिया को करने में आवश्यक साधन को दर्शाने में | को |
कारण कारक (Ablative Case) | क्रिया करने के लिए कारण को दर्शाने में | से – द्वारा |
संप्रदान कारक (Possessive Case) | किसी व्यक्ति या संज्ञा के स्वामित्व को दर्शाने में | को – के लिए |
अपादान कारक (Objective Case) | किसी क्रिया के प्रति अधिकार को दर्शाने में | से |
संबंध कारक (Dative Case) | सहायक कारक के साथ किसी संबंध को दर्शाने में | का की के, ना नी ने, रा री रे |
अधिकरण कारक (Locative Case) | किसी क्रिया के होने के स्थान को दर्शाने में | में – पर |
संबोधन कारक (Vocative Case) | किसी से सीधे संवाद करने में | हे! अरे! ओह! |
1. कर्ता कारक
कर्ता कारक का प्रयोग
कर्ता कारक(Karak) का प्रयोग क्रिया करने वाले व्यक्ति या संज्ञा को दर्शाने में होता है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी क्रिया का कर्ता बताना है।
परसर्ग सहित कर्ता कारक का उपयोग
- राम खेत में खेती करता है।
- सीता बच्चों को सिखाती है।
परसर्ग रहित कर्ता कारक का उपयोग
- बच्चा खेत में खेती करता है।
- लड़की सब्जी खाती है।
कर्ता कारक में ‘को’ का प्रयोग
- राम ने महेश को किताब दी।
- सीता ने राम को फूल दिया।
कर्ता कारक(Karak) का उपयोग वाक्य की सही संरचना और स्पष्टता के लिए आवश्यक होता है। यह सुनिश्चित करता है कि हमें पता चले कि किसने क्रिया की है और कौन है जो किसी क्रिया का करण है।
2. कर्म कारक
कर्म कारक क्या है?
कर्म कारक(Karak) वाक्यांश का एक अहम हिस्सा है जो किसी क्रिया को करने में मदद करने वाले साधन, यंत्र, उपकरण,
या सामग्री को दर्शाता है। इसका उपयोग किसी क्रिया के प्रवाह में होने वाले यंत्रों, साधनों या उपकरणों को बताने में होता है।
कर्म कारक के उदाहरण
- लड़का हाथ में किताब लेकर पढ़ रहा है।
- वह नल से पानी निकाल रहा है।
कर्म कारक के वाक्य कैसे बनाएं
कर्म कारक(Karak) के बिना वाक्य अधूरा और अस्पष्ट हो सकता है। इसे बनाने के लिए हमें यंत्र, साधन, या उपकरण को सही ढंग से जोड़ना होता है।
सहारा लेना/देना:
- बच्चा अपने दोस्त से स्कूल जाने के लिए साइकिल लेकर गया।
किसी साधन का उपयोग:
- महिला अपनी रसोईघर में बनाई जाने वाली विभिन्न वस्त्रों को सिलाई मशीन का उपयोग करके सीधा कर रही है।
यंत्र का प्रयोग:
- इंजीनियर ने तेज गति से औजार बनाने के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाली मशीन का उपयोग किया।
कर्म कारक(Karak) के सही उपयोग से वाक्य और भाषा में स्पष्टता बनी रहती है और सुनिश्चित होता है कि क्रिया को करने में कौन-कौन से साधन या उपकरणों का उपयोग हुआ है।
3. कारण कारक
कारण कारक क्या है?
कारण कारक वाक्यांश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो किसी क्रिया को करने का कारण बताता है। यह वह तत्त्व है जिसके कारण किसी क्रिया का निर्देश होता है।
कारण कारक के उदाहरण
- लड़का हर रोज़ स्कूल जाने का कारण अपने उच्च उद्दीपन को बढ़ाना है।
- महिला अपनी सेहत का ध्यान रखने का कारण प्रतिदिन योग अभ्यास करती है।
कारण कारक(Karak) वाक्य में स्थिति के कारण, क्रिया के पीछे स्थित होने वाले कारण, और किसी अभिज्ञान के कारण को स्पष्ट करने में मदद करता है।
4. संप्रदान कारक
संप्रदान कारक क्या है?
संप्रदान कारक(Karak) एक वाक्यांश का हिस्सा है जो किसी क्रिया के प्राप्तिकरण की ब्यापक बात करता है और बताता है कि क्रिया किसे या किसका फल है। इसका प्रयोग उपहार, धन, या स्वामित्व की स्थिति को स्पष्ट करने में होता है।
संप्रदान कारक के उदाहरण
- बच्चे ने अपने दादा को एक बड़ा गुलाब गिफ्ट दिया।
- मेरी बहन ने अपने बच्चों को एक सुंदर घर बनाया।
संप्रदान कारक के द्वारा हम यह जान सकते हैं कि क्रिया के प्राप्तिकरण का अधिकार किसके पास है और इसे किसी के स्वामित्व में कैसे शामिल किया गया है। यह स्थिति को स्पष्ट और अच्छे से समझाता है।
5. अपादान कारक
अपादान कारक क्या है?
अपादान कारक(Karak) वाक्यांश का हिस्सा है जो किसी क्रिया के प्रति अधिकार, प्राप्ति, या प्रभाव को स्पष्ट करता है। इसका प्रयोग किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, या विभूति की ओर होने वाली क्रिया में होता है।
अपादान कारक के उदाहरण
- मैंने उसे देखा।
- वह मुझे पसंद करता है।
- हमने इसे सुना।
- तुमने उसे बुलाया।
- उसने मुझसे मिला।
- बच्चे ने खुशी से खाना खाया।
- मैंने उसे सहारा दिया।
- रात्रि में हमने सितारों को देखा।
- वह ने मुझसे पूछा।
- मैंने उसे सुना है।
- तुमने मुझे बताया।
- उसने मुझसे माफी मांगी।
- हमने इसे तैयार किया।
- मैंने तुम्हें यह सुनाया था।
- वह मुझसे बात करता है।
अपादान कारक(Karak) का उपयोग किसी भी क्रिया के निर्देश में होता है, जिससे स्पष्ट होता है कि क्रिया किसको या किसे प्रभावित कर रही है।
6. संबंध कारक
संबंध कारक क्या है?
संबंध कारक(Karak) वाक्यांश का एक हिस्सा है जो दो व्यक्तियों, स्थानों, वस्तुओं या समय के बीच संबंध को स्थापित करता है। इसका प्रयोग किसी क्रिया के संबंध में होता है और वह बताता है कि क्रिया किसके साथ हो रही है या किसके लिए हो रही है।
संबंध कारक के उदाहरण
- बच्चा ने एक नया खिलौना खरीदा। (ने – संबंध कारक)
- बहन ने बच्चे को एक कहानी सुनाई। (ने – संबंध कारक)
- मैंने उसे चिट्ठी लिखी। (ने – संबंध कारक)
- बच्चों ने माँ को फूल दिया। (ने – संबंध कारक)
- वह ने मुझसे बात की। (ने – संबंध कारक)
- मेरे दोस्त ने मुझे एक कहानी सुनाई। (ने – संबंध कारक)
7. अधिकरण कारक
अधिकरण कारक क्या है?
अधिकरण कारक(Karak ) एक वाक्यांश का हिस्सा है जो किसी क्रिया के होने के स्थान को स्पष्ट करता है। इसका प्रयोग किसी क्रिया के क्षेत्र, स्थान, या जगह को दर्शाने में होता है।
अधिकरण कारक के उदाहरण
- वह अधिकरण में बैठा है।
- हमने उसे पार्क में देखा।
- बच्चे अधिकरण पर खेल रहे हैं।
- मेरा घर शहर के केंद्र में है।
- तुमने मुझे अपने ऑफिस के पास देखा था।
- बच्चों ने अधिकरण में एक बड़ा मेला लगाया।
- मेरे दोस्त ने अधिकरण में एक सुंदर बगीचा बनाया है।
- रात्रि में तारों का ख्याल करना हमारा शौक है।
- मेरा बच्चा शादी में अधिकरण में गाना गा रहा था।
- वह अपने दोस्तों के साथ अधिकरण में खेती कर रहा है।
- मैंने उसे अधिकरण के पास बाजार देखा।
- बच्चों ने अधिकरण में बड़ा घर बनाया।
- उसने अपनी कहानी को एक छोटे से गाँव के अधिकरण में रखा।
- मेरी माँ ने अपनी पुरानी कहानियों को हमारे अधिकरण में सुनाया।
- रात्रि में हमने अधिकरण में चंदनी की रौशनी में संगीत का आनंद लिया।
8. संबोधन कारक
संबोधन कारक क्या है?
संबोधन कारक(Karak ) वाक्यांश का हिस्सा है जो किसी व्यक्ति या वस्तु को सीधे रूप से संबोधित करता है। इसका प्रयोग बातचीत में, अनुरोध में, या सीधे आदेश देने में होता है।
संबोधन कारक के उदाहरण
- हे राम, आप यहाँ क्यों खड़े हैं?
- अरे दोस्त, तुमने क्या किया?
- ओ छोटे, तुम्हारी परीक्षा कैसी रही?
- हे भगवान, हमें शक्ति दो।
- ओ माँ, आपने मुझे कहाँ छुपा रखा है?
- हे दोस्तों, आज हम सब मिलकर कुछ खास करेंगे।
- ओ प्रिय, तुम्हारी मुस्कान बहुत प्यारी है।
- हे बच्चे, जल्दी से अपने कमरे में जाओ।
- ओ सुनो, तुम्हारी मदद चाहिए।
- हे शिक्षक, हमें यह सवाल समझ में नहीं आया।
संबोधन कारक का प्रयोग वाक्य को व्यक्तिगत बनाता है और सीधे संवाद में संबंध स्थापित करने में मदद करता है।