Dussehra Essay in Hindi | दशहरा हिंदी निबंध | Best in 600+ Words

Dussehra Essay
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दशहरा: बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न

दशहरे के इस पावन अवसर पर मेरे मन की है यही कामना

आपको हमेशा मिले खुशियां और कभी ना हो दुख से सामना

दशहरा,(Dussehra Essay) जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह न सिर्फ धार्मिक महत्व का त्योहार है, बल्कि सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक समागम का भी पर्व है। दशहरा का हर पहलू हमें कुछ न कुछ महत्वपूर्ण सीख देता है।

दशहरा के दो प्रमुख आख्यान इसे विशेष बनाते हैं। पहला है, भगवान राम का रावण पर विजय प्राप्त करना। दस सिर वाले असुर रावण ने सीता का अपहरण कर लिया था। धर्म (Dussehra Essay) की स्थापना के लिए भगवान राम ने चौदह साल के वनवास के बाद लक्ष्मण और हनुमान की मदद से रावण का वध किया और सीता को मुक्त कराया। यह कहानी सत्य पर असत्य की विजय, धर्म पर अधर्म की जीत का प्रतीक है।

दूसरा आख्यान है माता दुर्गा का महिषासुर नामक राक्षस को पराजित करना। नौ दिनों तक चले भयंकर युद्ध के बाद माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया, जिससे देवताओं और धर्म की रक्षा हुई। यह कहानी शक्ति, साहस और दृढ़ संकल्प के महत्व को उजागर करती है।

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दशहरे के दौरान नौ दिनों तक भगवान और देवी की पूजा-अर्चना(Dussehra Essay) होती है। रामलीला का आयोजन कर रामायण की कथा का मंचन किया जाता है। दसवें दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई के अंत का प्रतीक है। लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

दशहरा सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव ही नहीं है, बल्कि इसमें कई महत्वपूर्ण संदेश छिपे हैं। यह हमें सिखाता है कि:

  • अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय प्राप्त करती है: दशहरा हमें याद दिलाता है कि चाहे कितनी भी चुनौतियां हों, अंततः सत्य और धर्म की जीत होती है।
  • दृढ़ संकल्प और साहस महत्वपूर्ण हैं: हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और साहस की आवश्यकता होती है।
  • बुराई का विरोध करना जरूरी है: रावण और महिषासुर की पराजय हमें सिखाती है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और बुराई का विरोध करना जरूरी है।
  • एकता और सामाजिक सद्भाव का महत्व: रामलीला का आयोजन और पुतले जलाने जैसे रीति-रिवाज समाज के लोगों को एकजुट करते हैं और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देते हैं।

दशहरा का त्योहार हमें अतीत का सम्मान करने, वर्तमान में सजग रहने और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। आशा है कि हम इस त्योहार के सार को समझकर एक बेहतर समाज बनाने की ओर अग्रसर होंगे।

दशहरा: विजय की रणभेरी, परंपरा का दीप (Dussehra: The Drums of Victory, the Lamp of Tradition)

भारत की सांस्कृतिक (Dussehra Essay) तालिका में दशहरा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि विजय का गान, परंपरा का दीप और सकारात्मकता का संदेश है। यह पर्व नौ दिनों तक धार्मिक श्रद्धा, सांस्कृतिक रंग और सामाजिक सद्भाव का संगम प्रस्तुत करता है।

दशहरा के दो प्रमुख कथासूत्र इसे विशेष बनाते हैं। पहली है, भगवान राम की रावण पर विजयगाथा। राजधर्म स्थापित करने के लिए भगवान राम ने वनवास भोगकर, लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिलकर दशानन रावण का वध किया और सीता का उद्धार किया। यह कथा सत्य पर असत्य की विजय, धर्म पर अधर्म की विजय का ज्वलंत प्रतीक है।

दूसरी कथा है मां दुर्गा और महिषासुर का युद्ध। नौ रातें नौ दिन चले भयंकर युद्ध के बाद मां दुर्गा ने क्रूर राक्षस महिषासुर का संहार किया, देवताओं और सृष्टि की रक्षा की। यह कहानी शक्ति, साहस और दृढ़ संकल्प की विजय का गान है।

नौ दिनों तक रामलीला के मंचन से रामायण की गौरव गाथा जीवंत होती है। घरों में घट स्थापित होकर देवी आराधना होती है। दसवें दिन विजयादशमी के पावन पर्व पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं, बुराई के नाश का प्रतीक बनाते हुए। रणभेरी की गूंज, ढोल-नगाड़ों की थाप और मंत्रोच्चार का वातावरण एक अलौकिक अनुभव देता है। बच्चे नए वस्त्रों में सजकर पतंग उड़ाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

जैसे श्री राम ने जीत ली थी लंका,
वैसे आप भी जीतें सारी दुनिया
इस दशहरा मिल जाएं आप को,
दुनिया भर की सारी खुशियां
दशहरा पर्व की शुभकामनाएं। 

दशहरा केवल धार्मिक-सांस्कृतिक आमोद नहीं, बल्कि गहन जीवन-मूल्यों का आईना है। यह हमें सिखाता है:

  • सत्य और धर्म का मार्ग चुनना: भले ही कितनी भी बाधाएं हों, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना ही जीवन की जीत है।
  • अंतर्कर्म की शक्ति: मां दुर्गा और राम की विजय हमें बताती है कि आंतरिक शक्ति और दृढ़ इच्छाशक्ति से असंभव को भी हासिल किया जा सकता है।
  • अन्याय का विरोध: चाहे रावण हो या महिषासुर, हर तरह के अन्याय और बुराई का विरोध करना हमारा दायित्व है।
  • एकता का महत्व: रामलीला का आयोजन, पुतला जलाना जैसे सांस्कृतिक आयोजन समाज को एकजुट करते हैं और सद्भावना बढ़ाते हैं।

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दशहरा (Dussehra Essay) हमें अतीत को सम्मान से याद करने, वर्तमान में सत्यनिष्ठ रहने और एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। आइए, इस पर्व को सिर्फ उत्साह से न मनाएं, बल्कि इसके गहन अर्थों को आत्मसात करें और एक बेहतर समाज निर्माण में अपना योगदान दें।

भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण और उत्सवी पर्व है दशहरा, जिसे दुर्गा पूजा के अंतिम दिन के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू पर्व है, जो भगवान राम की विजय को समर्पित है। दशहरा को अलग-अलग राज्यों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है, लेकिन इसका सामान्य उद्देश्य श्री राम के असत्य पर विजय के प्रतीक के रूप में होता है।

दशहरा (Dussehra Essay) का अयोध्या में महत्वाकांक्षी तैयारी का दृश्य सर्वधिक प्रसिद्ध है। इस दिन अयोध्या में रामलीला का प्रदर्शन होता है, जिसमें भगवान राम के जीवन के प्रमुख घटनाक्रमों का नाटकिय रूप से प्रस्तुतिकरण किया जाता है। दशहरा के दिन रामलीला में रावण का प्रतिनाटक किया जाता है और राम उन्हें विजयी बनाने के लिए उनके रथ को जलाते हैं। यह दिन भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाता है और लोग इसे खुशियों के साथ मनाते हैं।

दशहरा (Dussehra Essay) के दिन लोग भी अपने घरों में प्रतिमाएं स्थापित करते हैं, जिसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इस दिन लोग मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं और अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।

दशहरा के उत्सव में अनेक स्थानों पर मेले और जात्राएँ आयोजित की जाती हैं। लोग इन मेलों में भाग लेते हैं, विभिन्न वस्त्रों और आकर्षक चीजों की खरीदारी करते हैं और अपने प्रियजनों के साथ आनंद उठाते हैं।

समृद्ध, सामर्थ्य और संस्कृति के साथ भारतीय समाज में दशहरा का महत्व बहुत बड़ा है। यह त्योहार हमें असत्य के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देता है और हमें सत्य, धर्म (Dussehra Essay) और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। इससे हम एक समरस और विकसित समाज की दिशा में कदम बढ़ाते हैं और सबका हित और कल्याण के लिए समर्पित होते

दशहरा (Dussehra Essay) का उत्सव धर्म, संस्कृति, और इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने का मौका प्रदान करता है। इस दिन हम बुराई को पराजित करने के लिए संकल्प करते हैं और सत्य, न्याय और धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करते हैं।

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