Chandrodaya Ka Sandhi Vichchhed (चन्द्रोदय का संधि विच्छेद)

Sandhi Vichchhed of Chandroday | चन्द्रोदय की संधि विच्छेद

What is sandhi vichchhed of Chandroday in hindi?. Know below (चन्द्रोदय संधि विच्छेद) chandroday sandhi vichchhed in hindi grammar. Chandroday ka sandhi viched kya Hai?

संधि का नामसंधि विच्छेद
चन्द्रोदय (Chandroday)चन्द्र + उदय

 

इस संधि को बनाने का नियम (Rule) : अ + उ = ओ.

 

चन्द्रोदय में संधि का प्रकार (Type of Sandhi) : Gun Sandhi (गुण संधि).

संधि बनाने के नियम

संस्कृत में, दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को संधि कहते हैं। संधि के नियमों का ज्ञान संस्कृत व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है। संधि के नियमों को तीन भागों में विभाजित किया गया है:

  • स्वर संधि
  • व्यंजन संधि
  • अनुस्वार संधि

स्वर संधि

स्वर संधि के अंतर्गत स्वरों के मेल से उत्पन्न विकार को संधि कहते हैं। स्वर संधि के कुल 18 नियम हैं। इन नियमों का पालन करके दो स्वरों के मेल से उत्पन्न विकार को दूर किया जा सकता है।

व्यंजन संधि

व्यंजन संधि के अंतर्गत व्यंजनों के मेल से उत्पन्न विकार को संधि कहते हैं। व्यंजन संधि के कुल 12 नियम हैं। इन नियमों का पालन करके दो व्यंजनों के मेल से उत्पन्न विकार को दूर किया जा सकता है।

अनुस्वार संधि

अनुस्वार संधि के अंतर्गत अनुस्वार और व्यंजन के मेल से उत्पन्न विकार को संधि कहते हैं। अनुस्वार संधि के कुल 4 नियम हैं। इन नियमों का पालन करके अनुस्वार और व्यंजन के मेल से उत्पन्न विकार को दूर किया जा सकता है।

 

संधि-नियम जैसे– अ+अ = आ, अ+आ = आ, आ+अ = आ, इ+इ = ई, इ+ई = ई, ई+इ = ई, ई+ई = ई, उ+उ =ऊ, उ+ऊ = ऊ, ऊ+उ = ऊ। अ+इ = ए, अ+ई = ए, आ+इ = ए, आ+ई = ए, अ+उ = ओ, अ+ऊ = ओ, आ+उ = औ, आ+ऊ = औ, अ+ऋ = अर्, आ+ऋ = अर् इ+अ = य, इ+आ = या, ई+अ = य, इ+उ = यु, इ+ऊ = यू, इ+ए = ये, इ+अं = यं, ई+उ = यु, ई+ऊ = यू, ई+ऐ = यै, ई+ओ = यो, ई+औ = यौ, ई+अं = यं, उ+अ = व, उ+आ = वा, ऋ+अ = र। अ+ए = ऐ, आ+ए = ऐ, अ+ऐ = ऐ, आ+ऐ = ऐ, अ+ओ = औ, अ+औ = औ, आ+ओ = औ, आ+औ = औ।

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